The Ultimate Guide To shri shiv chalisa lyrics

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।

जय जय जय अनंत अविनाशी । करत कृपा सब के घटवासी ॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा । जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा । कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥ नित्य विहारिणी श्याम अधर ।

कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा जितनी की जाए उतनी ही कम website है भगवान शिव की कृपा भी सबसे अधिक मानी जाती है क्योंकि जो व्यक्ति शिव भगवान की पूजा करता है और भगवान शिव अगर उस पर प्रसन्न होते हैं तो उस पर सदैव अपनी कृपा बनाए रखते हैं तथा उनकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि...

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

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